Amrita Pritam Biography in Hindi अमृता प्रीतम जीवनी हिंदी

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Amrita Pritam Biography in Hindi अमृता प्रीतम जीवनी हिंदी

Amrita Pritam Biography in Hindi अमृता प्रीतम ऐसी शख्स थी जो साहित्य अकादमी में पुरस्कार जीतने वाली प्रथम महिला बन गई थी Amrita Pritam पंजाबी भाषा में लोकप्रिय लेखक थी और उन्होंने पंजाबी में कई कविताएं लिखी हैं और Amrita Pritam ने लगभग 100 से ज्यादा किताबें लिखी हैं, जिनमें सबसे ज्यादा चर्चित आत्मकथा उनकी रसीदी टिकट थी अमृता प्रीतम उन गिनी चुनी साहित्यकारों में से है जिनकी आपको  कविताएं आपको कई भाषाओं में मिल जाएगी  आज हम अमृता प्रीतम के बारे में जानेंगे Amrita Pritam Biography in Hindi जानने के लिए आर्टिकल लास्ट तक पढ़े।

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 Amrita Pritam जन्म

Amrita Pritam जन्म अमृता प्रीतम प्रीतम का जन्म पंजाब के गुंजनलाल में हुआ था जो अब पाकिस्तान में है 31 अक्टूबर सन 1919 को हुआ था।

 Amrita Pritam family

Amrita Pritam family   अमृता प्रीतम का बचपन लाहौर में बीता था जब 11 साल की थी तब उनकी माता का निधन हो गया था जिसके कारण अमृता प्रीतम के कंधों पर बहुत ज्यादा जिम्मेदारी आ गई थी और जब बाह  मात्र 16 साल की थी तब उनका पहला आर्टिकल प्रकाशित हुआ था अमृता प्रीतम ने 1947 के विभाजन का दर्द बहुत अच्छे से झेला था जिसका दर्द  आप उनकी कई कविताओं में भी देख सकते हैं, स्पष्ट तौर से दर्शाता है कि 1947 का दर्द उन्होंने झेला था क्योंकि  Amrita Pritam  का बचपन लाहौर में बीता था लाहौर पाकिस्तान में है  Amrita Pritam जब  16 साल की थी तब उनकी शादी एक संपादक से हो गई थी शादी  उनके माता-पिता ने तय की थी इसके बाद उनका तलाक 1960 में हो गया।

 Amrita Pritam शिक्षा

Amrita Pritam शिक्षा  अमृता प्रीतम की शिक्षा शुरुआत में लाहौर से हुई थी जब  Amrita Pritam  बाल अवस्था में थी तभी से उन्होंने कविता और कहानी लिखना चालू कर दिया था अमृता प्रीतम की 50 से ज्यादा पुस्तक प्रकाशित हो चुकी है और उनकी रचनाएं आपको कई देशी विदेशी भाषाओं में देखने को मिलेंगी।

Amrita Pritam मृत्यु

Amrita Pritam मृत्यु अमृता प्रीतम की मृत्यु का 30 अक्टूबर 2005 को हुई थी और उनकी उम्र 86 साल थी वह लंबे समय से बीमार चल रही थी जिसके बाद उनकी मृत्यु हो गई।

Amrita Pritam कहानिया

Amrita Pritam कहानिया  अमृता प्रीतम की प्रमुख रचनाएं हैं सात सौ बीस क़दम चूहे और आदमी में फर्क सत्रह कहानियाँ यह कहानियां जो कहानियां नहीं है प्रमुख कहानियां है।

Amrita Pritam उपन्यास

Amrita Pritam उपन्यास अमृता प्रीतम के उपन्यास है ना राधा ना रुक्मणी, अकेली काम नहीं, और अनीता, जलावतन, जलते बुझते लो,ग यह कला में कागजी अक्षर,

Amrita Pritam कविता

  • 1942 में ट्रेल धोते फूल
  • लोक पिगर 1944 में
  • 1936 में अमृत लहरें
  • इक सी अनीता 1964

Amrita Pritam एक ऐसी कवियत्री थी जिनको कई अवार्ड मिले हैं जिनमें से कुछ  अवार्ड है है जो अमृता प्रीतम को कुछ स्पेशल बनाते हैं उन्हें 1969 में भारत का सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार पदमश्री से नवाजा गया इसके बाद उन्हें 1956 में साहित्य  अकादमी पुरस्कार से भी नवाजा गया इसके बाद उन्होंने डॉक्टर ऑफ लिटरेचर जबलपुर यूनिवर्सिटी से 1973 में मिला था उन्हें एक अवार्ड फ्रांस  सरकार की तरफ से भी सन 1987 में मिला था एक 1969 में पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया था।

अमृता प्रीतम जैसे साहित्यकार रोज-रोज पैदा नहीं होते और अमृता प्रीतम को इसलिए आज भी याद किया जाता है क्योंकि वह एक ऐसी कवियत्री  थी जिन्होंने हर भाषा में अपनी छाप छोड़ी है उन्होंने कविताएं उपन्यास संस्मरण कहानी संग्रह आत्मकथा सब कुछ लिखा है।

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